मक्खियों और शहद की कहानी

 मक्खियों और शहद की कहानी

एक घर के किचन में शहद का जार रखा हुआ था, जिसमें मीठा शहद भरा हुआ था। एक दिन वह जार गिरकर टूट गया और उसमें भरा शहद फर्श पर फ़ैल गया।

मक्खियों ने जब इतना सारा शहद देखा, तो लालच में शहद पर जा बैठी और शहद खाने लगी। उन्हें मज़ा सा रहा था और वे बड़ी खुश थी। बड़े दिनों बाद उन्हें ऐसे मीठा शहद का स्वाद चखने को मिला था।

उन्होंने जी भर शहद खाया. कुछ देर में जब उनका पेट भर गया, तो वे उड़ने को हुई। लेकिन वे पूरी तरह से शहद में लथपथ हो चुकी थीं। उनके पैर और पंख तरल और चिपचिपे शहद में चिपक गए थे और अब उड़ पाना उनके लिए नामुमकिन हो चुका था।

मक्खियों ने उड़ने का बहुत प्रयास किया। लेकिन सारे प्रयास व्यर्थ रहे और वे सभी वहीं शहद में चिपककर मर गई।


            सीख

कभी-कभी थोड़े समय का सुख मुसीबत का कारण बन जाता है। कई बार तो प्राणों पर बन आती है। इसलिए ऐसे क्षणिक सुख के झांसे में न आयें और जीवन में सोच-समझकर ही आगे बढ़ें।

लालच से बचें।



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